बाज़ार नियामक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह चिटफंड कम्पनियों के लिए एक अलग नियामक बनाने हेतु कानून तैयार करे। ताकि निवेशकों को ठगी से बचाया जा सके। यह बात सेबी के एक अधिकारी ने कोलकाता में भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही। देशभर में फैलती चिटफंड कम्पनियों के बारे में सवाल करने पर सेबी अध्यक्ष यू के सिन्हा ने कहा " हमने ऐसी कम्पनियों के लिए अलग नियामक बनाने के लिए कानून बनाने का केंद्र सरकार से आग्रह किया है।" सेबी का मानना है की ऐसी कम्पनिया कानून में खामी का फ़ायदा उठाती है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि " हमने यह मामला सरकार के समक्ष उठाया है, और कानून में व्याप्त खामियों को दूर करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि " जब लोगों से कहा जाता है की उनका धन चार साल में दोगुना हो सकता है तो वह निवेश कर देते है, कुछ समय लाभ मिलने के बाद यह लाभ मिलना बंद हो जाता है। यह बहुत चिंताजनक स्थिति है। ऐसी कम्पनियाँ अपने एजेन्टों को 15 से 25 फीसदी कमीशन भी देती है। ऐसा कोई कारोबार नहीं हो सकता है, जहाँ लोग इस तरह का लाभ अर्जित करते हों।"
Source: MlmNewsPaper
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