बड़े
ही आश्चर्य की बात ये है की ... जो लोगों ने विपरीत समय में अपना कीमती
समय नहीं दिया वो ही स्वार्थी और शातिर लीडर अब वो विपरीत समय की बातें
अपना कीमती समय निकालकर कर रहे है..... और लोगों के दिल में अपनी जगह बनाने
के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे है...... वैसे इनको साथ देनेवाले भी इसलिए
मिल जाते है क्यूंकी वो भी खुद विपरीत समय में अपना योगदान नहीं दे पाये
थे.... तो उन्हें भी तो ज्यादा जानकारी नहीं है..... इसलिए वो भी ऐसे
लीडरों की बातों को सच मान लेते है...... लेकिन ऊपरवाला तो सब कुछ जानता ही
है... हम तो सिर्फ इतना कर सकते है की ऐसे लोगों की सच्चाई से अवगत करा
सकते है...... जैसे कल अहमदाबाद में जयपुर से कदम सिंह - Speed Master आये
थे..... जयपुर में चले 152 दिन के RCDWA के आंदोलन में मुजे तो Speed
Master का कुछ अहम योगदान नहीं दिखाई दिया था.... लेकिन कल Mahavir
Enterprise RCM PUC, Saijpur, Ahmedabad पर "जिंदगी आसपास" बूक का
December 2012 का अंक PUC Owner को Gift करके गये... और बताया की "किसी को
ये Book चाहिये तो Rs 30 में मिल जायेगी.... Order कर दीजिएगा, मैं भिजवा
दूंगा" .... कुछ साथी PUC Owner से वो किताब माँग रहे थे..... और उसके लिए
वो इतने उत्सुक थे की किताब मैं बहुत कुछ होगा..... लेकिन जब मैंने किताब
देखि तो देखकर हैरान रह गया.... "वैसे अच्छी जानकारी थी.... लेकिन Cover
Page(Back Side) पे पूरा RCM के बारे में लिखा था और वहाँ "कदम सिंह -Speed
Master" की फोटो भी थी और जो लिखा था उसमें RCDWA का पूरा नाम भी सही नहीं
लिखा था..... जिस असोशिएशन का जिक्र था वो "आरसीएम डिस्ट्रीब्यूटर्स &
कंस्यूमर्स असोशिएशन" लिखा हुआ था..... यानि "RCDWA" की जगह "RDCA"
....... और आभार में "कदम सिंह" लिखा था...... क्या Speed Master इतनी
Speed में थे जो इनको भी ये गलती नहीं दिखाई दी ? क्या ये खुद की पब्लिसिटी
में अंधे है ऐसा नहीं कह सकते ?
By - Ajit Patel
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