बंगाल पर निगाहे,Rose Valley समेत अन्य चिट फंड पर सेबी का हामला

शारदा कर्णधार सुदीप्त सेन और उनकी खासमखास देवयानी मुखर्जी को जेल हिरासत में सत्तर दिन बिताये हो गये। चिटफंड पर अंकुश के राज्य और केंद्र सरकारों के कदमों का क्या असर हुआ मालूम ही नहीं पड़ा। बंगाल में सैकड़ों छोटी बड़ी चिटफंड कंपनियों का धंधा बेरोकटोक जारी है जबकि जांच में किसी प्रगति की सूचना नहीं है। सेबी ने पहले सभी चिटफंड कंपनियों को चेतावनी जारी की थी। फिर बाकायदा विज्ञापन के जरिये एमपीएस और रोजवैली में निवेश के खिलाफ आम निवेशकों को अलर्ट भी किया। जिसके जवाब में दोनों कंपनियों ने सफाई दी कि उनका मामला तो अदालत में विचाराधीन है। इसपर सेबी ने चुप्पी साध ली और अब जाकर कहीं बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रोज वैली होटल्स ऐंड एंटरटेनमेंट्स लिमिटेड को निवेशकों से किसी तरह का अतिरिक्त धन जमा करने पर रोक लगा दी है। यह सामूहिक निवेश योजनाओं के खिलाफ सेबी द्वारा जारी आदेश की ही एक कड़ी है। रोज वैली समूह की कंपनियों पर करीब 20 लाख निवेशकों से 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जमा कराने का अनुमान है। सेबी ने आज जारी अपने अंतरिम आदेश में कहा कि योजना के तहत जुटाए गए धन को कंपनी कहीं और नहीं लगाएगी और न ही कोई नई योजना लॉन्च करेगी। सेबी ने आदेश में कहा, 'रोज वैली होटल्स बिना पंजीकरण के सामूहिक निवेश योजना चला रही थी। ऐसे में नियामक के पास कंपनी को आगे रकम जुटाने की गतिविधि बंद करने का आदेश देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।’ कंपनी ने 2010 में हॉलिडे सदस्यता योजना पेश की थी जिसके तहत निवेशकों को मासिक किस्तों में हॉलिडे पैकेज देने की बात कही गई थी। किस्त पूरी होने के बाद निवेशक पैकेज का इस्तेमाल कर सकते हैं या ब्याज सहित पैसे वापस ले सकते है।

इसके पहले मंगलवार को सेबी ने कोलकाता की ही एक अन्य कंपनी सुमंगल पर भी पोटेटो बॉन्ड योजना के जरिये धन एकत्रित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा 21 जून 2013 को भी सेबी ने अलकेमिस्ट इन्फ्रा रियल्टी के खिलाफ एक आदेश पारित कर निवेशकों से पैसा जमा कराने से संबंधित सभी तरह की योजनाओंं को बंद करने और लोगों को उनका पैसा वापस करने का फरमान सुनाया था।अनुमान के मुताबिक कंपनी ने महज 3 महीने में 1,000 करोड़ रुपये धन एकत्रित किया था। रोज वैली ने अपने बयान में कहा है, 'देश भर में और भी कई कंपनियां हैं जो हॉलिडे सदस्यता योजना के तहत धम जमा कराती हैं और सेबी को ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी इसी तरह का आदेश जारी करना चाहिए।Ó रोज वैली समूह के चेयरमैन गौतम कुंडू ने कहा था कि कंपनी ने निवेशकों को 120 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
Source : mlmharkhabar.com
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